2222222222: Assam के Bathou Relig1

असम में बाथौ धर्म को मिला अलग जनगणना कोड

Bathou Religion असम में बोडो समुदाय के लोगों द्वारा माने जाने वाले बाथौ धर्म को अब आगामी राष्ट्रीय जनगणना में एक अलग कोड दिया गया है।
यह पहली बार है जब बाथौ धर्म को राष्ट्रीय स्तर पर आधिकारिक धार्मिक पहचान मिली है।

Historic Moment: Assam के Bathou Religion को Official Census Code मिला

यह फैसला पूर्वोत्तर भारत के एक प्रमुख आदिवासी समुदाय की संस्कृति और आध्यात्मिक परंपराओं को बचाने और आगे बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

बाथौ धर्म (Bathou Religion) क्या है?

बाथौ धर्म एक प्राचीन आध्यात्मिक परंपरा है जो प्रकृति की पूजा पर आधारित है।
इस धर्म में पाँच तत्वों – पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश – को बहुत पवित्र माना जाता है।

बाथौ धर्म के लोग प्रकृति के साथ संतुलन में जीवन जीने में विश्वास रखते हैं।
उनके कई रिवाज और परंपराएँ आज भी बोडो समुदाय के दैनिक जीवन का हिस्सा हैं।

इस धर्म का मुख्य प्रतीक है सिजो पौधा, जिसे लोग अपने घर के आंगन में लगाते हैं।
यह पौधा सर्वोच्च देवता बाथौबराई का प्रतीक माना जाता है।

ऐतिहासिक पहचान मिली

पहले बाथौ धर्म के अनुयायियों को जनगणना में “अन्य धर्म” के रूप में गिना जाता था, जिससे उनकी अलग पहचान नहीं दिख पाती थी।
अब उन्हें अलग कोड मिलने से उनकी धार्मिक पहचान को आधिकारिक मान्यता मिल गई है।

बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (BTC) के पूर्व मुख्य कार्यकारी सदस्य प्रमोद बोरो ने इस कदम के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद किया।
उन्होंने कहा कि यह निर्णय बाथौ धर्म की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देता है।

जनगणना कर्मचारियों के लिए नए निर्देश

भारत के रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय ने जनगणना कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि वे किसी भी व्यक्ति द्वारा बताए गए धर्म को बिलकुल उसी रूप में दर्ज करें,
बिना किसी बदलाव या वर्गीकरण के।

इससे यह सुनिश्चित होगा कि सभी जनजातीय, अल्पसंख्यक और क्षेत्रीय धर्म, जैसे बाथौ, को जनगणना के आंकड़ों में स्पष्ट और न्यायपूर्ण पहचान मिले।

यह जानकारी कोकराझार के बाथौ ट्रेडिशनल एंड कल्चरल सेंटर के चेयरमैन सरदा प्रसाद माशारी को भी औपचारिक रूप से दी गई है।
उन्होंने इस निर्णय को बाथौ धर्म के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि बताया।

important Questions and Answers

Q1. असम में बाथौ धर्म के अनुयायियों के लिए अलग जनगणना कोड कब जारी किया गया है?
(a) 2011 में
(b) 2015 में
(c) आगामी राष्ट्रीय जनगणना में
(d) 2020 में
Answer: आगामी राष्ट्रीय जनगणना में

Q2. बाथौ धर्म किस समुदाय के लोग मानते हैं?
(a) नागा
(b) बोडो
(c) मिज़ो
(d) असमिया
Answer: बोडो

Q3. बाथौ धर्म का मुख्य प्रतीक क्या है?
(a) बोधि वृक्ष
(b) सिजो पौधा
(c) कमल का फूल
(d) पेड़-पत्थर
Answer: सिजो पौधा

Q4. बाथौ धर्म में किन तत्वों की पूजा की जाती है?
(a) पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश
(b) सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बृहस्पति, शुक्र
(c) माता-पिता और गुरु
(d) भूमि, जल, अग्नि और वायु
Answer: पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश

Q5. बाथौ धर्म के लिए अलग जनगणना कोड मिलने पर किसने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया?
(a) सरदा प्रसाद माशारी
(b) प्रमोद बोरो
(c) हिमंत बिस्वा सरमा
(d) तस्लीम रब्बानी
Answer: प्रमोद बोरो

Q6. जनगणना कर्मचारियों को क्या निर्देश दिया गया है?
(a) धर्म के नाम बदल सकते हैं
(b) धर्म को उसी रूप में दर्ज करें जैसा उत्तरदाता बताए
(c) सभी धर्मों को ‘अन्य’ में दर्ज करें
(d) केवल मुख्य धर्मों को दर्ज करें
Answer: धर्म को उसी रूप में दर्ज करें जैसा उत्तरदाता बताए

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